सोमवार, 2 जून 2025

मेरी माँ Meri Maa

 "मेरी माँ" Meri Maa


मेरी माँ

माँ... एक ऐसा शब्द जो सिर्फ चार अक्षरों में संपूर्ण संसार समेटे हुए है। माँ केवल एक रिश्ता नहीं, बल्कि एक भावना है – निस्वार्थ प्रेम, त्याग, और ममता की जीवित मूर्ति। जब भी मैं "माँ" कहता हूँ, मेरे मन में अपनापन, सुरक्षा और अटूट स्नेह की अनुभूति होती है। मेरी माँ मेरे जीवन की वह धुरी हैं, जिसके चारों ओर मेरा सम्पूर्ण जीवन घूमता है।

मेरी माँ का नाम लक्ष्मी है। वह एक साधारण गृहिणी हैं, लेकिन उनके काम, उनकी सोच और उनका समर्पण उन्हें असाधारण बनाता है। वह सुबह सबसे पहले उठती हैं और रात को सबके सो जाने के बाद ही विश्राम करती हैं। उनका पूरा दिन हमारे लिए होता है – हमारे खाने, कपड़े, पढ़ाई, आराम, और खुशियों के लिए। जब मैं बीमार होता हूँ, तो माँ मेरे सिर पर हाथ रखती हैं और ऐसा लगता है जैसे सारी पीड़ा उसी पल कम हो गई हो।

मेरी माँ केवल मेरी देखभाल ही नहीं करतीं, बल्कि मुझे अच्छे संस्कार भी देती हैं। वह हमेशा कहती हैं – "सच्चाई के रास्ते पर चलो, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए।" उन्होंने मुझे मेहनत, ईमानदारी और करुणा का महत्व सिखाया है। आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसमें मेरी माँ की मेहनत, प्रार्थनाएं और आशीर्वाद का बहुत बड़ा हाथ है।

माँ न सिर्फ हमारे घर की शक्ति हैं, बल्कि परिवार की आत्मा भी हैं। जब कोई परेशानी आती है, तो वह सबसे पहले ढाल बनकर खड़ी होती हैं। उनका धैर्य, सहनशक्ति और निःस्वार्थ प्रेम हम सबको एक सूत्र में बाँधे रखता है। माँ कभी थकती नहीं, कभी शिकायत नहीं करती। उनके चेहरे पर हमेशा एक शांत मुस्कान होती है, जो हमें हर हाल में सुकून देती है।

आज जब मैं माँ को देखता हूँ, तो महसूस करता हूँ कि उन्होंने अपने जीवन का हर पल हमारे लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने सपनों को, इच्छाओं को, और आराम को हमारे भविष्य के लिए छोड़ दिया। ऐसी ममता, ऐसा त्याग, शायद दुनिया में और कहीं नहीं मिलेगा।

उपसंहार में, मैं यही कहूँगा कि माँ हमारे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा होती हैं। उनका स्थान न कोई ले सकता है, न कोई समझ सकता है। माँ सिर्फ जन्म देने वाली नहीं होती, वह जीवन जीना सिखाने वाली होती हैं। मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे मेरी माँ जैसी महान आत्मा का साथ मिला।

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